वार्षिक महोत्सव2011
5 नवम्बर, 2011 को पोर्ट क्रेडिट सेकैंडरी स्कूल, मिसिसागा में धूमधाम से सम्पन्न हुआ। हर वर्ष की तरह गिल्ड ने एक नई शैली का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आरम्भ श्रीमती मानोशी चटर्जी ने अपने सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना और एक सरस्वती भजन के साथ किया। डॉ. शैलजा सक्सेना ने उपस्थित दर्शकों का स्वागत करते हुए श्री राम सनेहीलाल शर्मा "यायावर" की कविता हिन्दी भाषा की जयजयकार करें पढ़ी, हिन्दी राइटर्स गिल्ड का संक्षिप्त परिचय दिया और पिछले वर्ष की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। शैलजा जी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए शारिका फाउंडेशन, विद्याभूषण धर, राना (राजस्थान एसोसिएडन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका) के सक्रिय सदस्य महेन्द्र भण्डारी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मीडिया का धन्यवाद करते हुए उन्होंने विशेष रूप से हिन्दी टाइम्स, अपना रेडियो बॉलीवुड बीट्स, स्टार बज़्ज़, और संगीत रेडियो प्रोग्राम का धन्यवाद किया। शैलजा ने हिन्दी टाइम्स और अपना रेडियो बॉलीवुड्स बीट्स के प्रकाशक और प्रेसिडेंट राकेश तिवारी जी के हिन्दी भाषा प्रेम की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने समाचार पत्र और रेडियो कार्यक्रम में हिन्दी राइटर्स गिल्ड को इतना अधिकार दे रखा है कि अब हमें यह उनका कम, हमारा अधिक लगता है। डॉ. शैलजा ने ब्रैम्पटन लाइब्रेरी का धन्यवाद किया जिन्होंने मासिक सभाओं के लिए हिन्दी राइटर्स गिल्ड को स्थान दिया हुआ है और ट्रिलियम फाउंडेशन का धन्यवाद किया जिसने हिन्दी राइटर्स गिल्ड को अनुदान दिया है। डॉ. शैलजा सक्सेना ने कार्यक्रम में आमन्त्रित गणमान्य अतिथियों का परिचय देते हुए उन्हें मंच पर स्वागत करने के लिए बुलाया। राना (राजस्थान एसोसिएडन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका) के अध्यक्ष श्री योगेश शर्मा ने अपने हिन्दी लगाव की बात करते हुए अपने कॉलेज के दिनों की बात की जब वह मुंबई में पढ़ते हुए हिन्दी के लिए सक्रिय काम कर रहे थे। इंडो-कैनेडा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री सतीश ठक्कर ने वाणिज्य क्षेत्र के भूमण्डलीयकरण में हिन्दी के महत्व की चर्चा की। उन्होंने अपना भाषण सप्रयत्न हिन्दी में दिया जिसे दर्शकों ने सराहा। भारत से आए हुए प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु ने कैनेडा में लोगों में अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़े रहने के प्रयत्नों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब आज भारत में लोग अपनी भाषाओं से दूर जाते हुए अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं तब देश से दूर कैनेडा की धरती पर भारतीय द्वारा रीति रिवाज, अपनी भाषाओं के प्रति प्रेम और उन्हें जीवित रखने के लिए किए जा रहे सक्रिय प्रयास प्रशंसा योग्य हैं। पिछले चुनाव में मिसिसागा ईस्ट-कुक्सविल से पहली बार चुनी गई एमपीपी सुश्री दीपिका दामेरला ने भावों में बहते हुए अपनी अध्यापिका को याद किया जिन्होंने उनमें हिन्दी के प्रति प्रेम की भावना की नींव रखी थी। भारतीय काउंसलावास से पधारीं सुश्री चरणदासी (काउंसल एंड हेड ऑफ़ चांसरी) ने भी हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रयत्नों को सराहा और काउंसलावास की ओर से हिन्दी राइटर्स गिल्ड की लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों की भेंट दी। हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने आमन्त्रित अतिथियों को मानद सदस्यता के स्मृति फलक और पुष्प मालाओं से सम्मानित किया। कार्यक्रम के अगले चरण में मंच संचालन का कार्यभार श्रीमती लता पांडे ने सभाला और संस्था के तीन सदस्यों की पुस्तकों का विमोचन आमन्त्रित अतिथियों के कर कमलों से हुआ। श्रीमती आशा बर्मन के काव्य संकलन "कही-अनकही", डॉ. रेणुका शर्मा के काव्य संकलन "एक धुला आसमान" और श्री जसबीर कालरवी के पंजाबी उपन्यास "अमृत" का हिन्दी अनुवाद का लोकार्पण हुआ। तत्पश्चात श्रीमती आशा बर्मन, स. जसबीरकालरवी और श्रीमती मानोशी चटर्जी ने काव्य पाठ किया। द्वितीय चरण में कैनेडा की प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका श्रीमती रमणीक सिंह ने एक घंटे तक विभिन्न विधाओं में अपनी कला का प्रदर्शन किया। भक्ति संगीत में उन्होंने गुरू नानक रचित शब्द, सूरदार और मीरा के भजन सुनाए जो श्रोताओं ने इतने पसन्द किए कि उनके कार्यक्रम के अंत में खड़े होकर तालियों से उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम ने अलग रंग लेते हुए मंच बच्चों के सौंपा। जीटीए के "वन्देमातरम" ग्रुप के तीन उभरते संगीतकारों ने श्रोताओं को अपनी धुनों से मोह लिया। पुराने गीतों से लेकर आधुनिक गीतों की यात्रा बहुत मनोरंजक रही। बाँसुरी वादन किया उमंग सक्सेना ने, सैक्साफोन पर अनमोल सक्सेना थे और की-बोर्ड पर अर्शा गर्ग थीं जलपान के एक अल्प अंतराल के बाद दर्शक एक बार फिर से हाल में लघु हास्य नाटिका के लिए इकट्ठे हुए। "पसंद अपनी-अपनी" को मंच पर देखते हुए दर्शकों ने अपने आपको उससे जुड़ा पाया क्योंकि कथानक आप्रवासी अनुभव था। नाटक के निर्देशक श्री विद्याभूषण धर ने नाटक के अंत में सभी पात्रों का परिचय करवाया। कार्यक्रम का अंत श्री विजय विक्रांत ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। सभी प्रायोजकों का धन्यावद करते हुए उन्होंने टी.वी. मीडिया में ऑमनी टी.वी., रॉजर्स और एटीएन का धन्यवाद किया जिन्होंने कवरेज दी।