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वार्षिक महोत्सव
2013

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड का वार्षिक महोत्सव 2013

हिन्दी राइटर्स गिल्ड का 5वां वार्षिक महोत्सव में "मित्रो मरजानी" का सफल मंचन कैनेडा की प्रमुख हिन्दी साहित्य की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड का 5वां वार्षिक महोत्सव २३ नवम्बर को दोपहर के बाद मिसिसागा के ग्लैनफॉरेस्ट सैकंडरी स्कूल में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
महोत्सव का कार्यक्रम ठीक साढ़े तीन बजे आरम्भ हुआ। डॉ. शैलजा सक्सेना ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सरस्वती वंदना को बाँसुरी पर प्रस्तुत करने के लिए उमंग सक्सेना को आमंत्रित किया और उसके पश्चात मानोशी चटर्जी ने अपने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना का गायन किया। डॉ. शैलजा ने मुख्य अतिथि भारत के काउंसल जनरल श्री अखिलेश मिश्रा जी का स्वागत करते हुए उनका परिचय श्रोताओं से करवाया क्योंकि वह हाल ही में टोरोंटो में नियुक्त हुए हैं। संक्षेप में पिछले वर्ष की हिन्दी राइटर्स गिल्ड की गतिविधियों और उपलब्धियों की रिपोर्ट पढ़ते हुए शैलजा जी सहर्ष घोषणा की कि हिन्दी राइटर्स गिल्ड इस वर्ष डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव जी को पिछले 40 वर्षों से कैनेडा में हिन्दी साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के प्रयासों के लिए सरस्वती सम्मान से सम्मनित करेगी। इसके पश्चात डॉ. शैलजा ने माननीय अखिलेश मिश्रा जी को आमंत्रित किया कि वह श्रोताओं को संबोधित करें। मिश्रा जी ने शुद्ध हिन्दी में भाषण देते हुए कहा कि वह इस कार्यक्रम में श्रोताओं में हिन्दी और हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेम को देखकर गदगद हुए हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा का महत्व समझाते हुए सभी को प्रोत्साहित किया कि वह अपनी इस आतुरता और उत्साह को बनाए रखें। उन्होंने बताया कि हिन्दी राइटर्स के बारे में उन्होंने बहुत सी बातें सुन रखीं थीं परन्तु आज इस कार्यक्रम में आने के बाद अनुभव हुआ कि यह यह समूह प्रतिष्ठित क्यों है।
मिश्रा जी के संबोधन के पश्चात डॉ. शैलजा सक्सेना ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा एक विशेष पुरस्कार की घोषणा की जो कि पहली बार स्वयंसेविका श्रीमती पूनम चंद्रा "मनु" को हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रति स्वयंसेवा करने के उपलक्ष्य में दिया जा रहा है। माननीय अखिलेश मिश्रा जी ने पूनम चन्द्रा को सम्मानित किया। श्रीमती पूनम चंद्रा ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की वेबसाइट बहुत परिश्रम से निशुल्क बनायी है। शैलजा जी ने आगे के कार्यक्रम संचालन का भार श्री संजीव अग्रवाल जी को सौंपते हुए उनका परिचय दर्शकों को दिया।
संजीव जी ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कवि सम्मेलन आरम्भ किया। इस बार केवल 9 कवियों व कवियत्रियों को काव्य पाठ के लिए चुना गया था। काव्य पाठ करने वाले थे – मानोशी चटर्जी, मीना चोपड़ा, पूनम चंद्रा "मनु", सुमन कुमार घई, डॉ. शैलजा सक्सेना, आचार्य संदीप त्यागी "दीप", सविता अग्रवाल, आशा बर्मन और जसबीर कालरवी। सभी की कविता बहुत सराहायी गईं। इसके साथ ही कार्यक्रम का पहला भाग समाप्त हुआ और अल्पाहार के लिए सभी को कैफेटेरिया में आमंत्रित किया गया।
दूसरे भाग में वार्षिकोत्सव का मुख्य आकर्षण नाटक था जो कि कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध उपन्यास "मित्रो मरजानी" पर आधारित था। उपन्यास का नाटक में रूपान्तर श्रीमती पूनम जैन कासलीवाल ने किया था जिसका संपादन व संशोधन डॉ. शैलजा सक्सेना किया था। नाटक की निर्देशिका भी डॉ. शैलजा सक्सेना थीं। नाटक में अभिनय करने वाले थे – श्री विजय विक्रान्त, श्रीमती कृष्णा वर्मा, श्रीमती लता पांडे, श्री विद्या भूषण धर, श्रीमती पूनम जैन कासलीवाल, श्री विशाल कासलीवाल, श्रीमती रश्मि नीरज, श्री दीपक राज़दान, श्रीमती पूर्णिमा मोहन। हर पक्ष से यह एक उत्कृष्ट नाटक था।
कार्यक्रम के अंत में श्री विजय विक्रान्त ने दर्शकों, महोत्सव को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवकों और प्रायोजकों को धन्यवाद दिया।

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