डॉ॰ भारतेन्दु श्रीवास्तव
डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव का जन्म सन् 1935 में उत्तर प्रदेश (भारत) के बाँदा नगर में हुआ। उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1955 में बी.एस.सी. और 1958 में एम.एस.सी.(टैक) की उपाधि मिली। कनाडा के सास्केचुआन विश्वविद्यालय ने उनके शोध कार्य पर पी.एच.डी. की उपाधि दी। कनाडा मौसम-विज्ञान विभाग में वैज्ञानिक के रूप में लम्बी सेवा के उपरान्त उन्होंने दिसम्बर 1996 में अवकाश ग्रहण किया। डॉ. भारतेन्दु बचपन से ही साहित्य और संगीत के प्रेमी तथा कवि हृदय हैं। उनकी कविताएँ समय-समय पर पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। उनका कविता-संग्रह ’उस पार से’ उनकी वैज्ञानिक साधना और देश-प्रेम का परिचायक है। लम्बे विदेश-प्रवास के बावजूद भारत की संस्कृति और धर्म से उनका लगाव अद्भुत है। देश-प्रेम उन्हें स्वतन्त्रता-संग्राम में भाग लेने वाली पूजनीया माता जी से विरासत में मिला है। कनाडा -प्रवास में डॉ. भारतेन्दु ने वहाँ भारतीयों में भारतीय धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के प्रचार का कार्य निरन्तर किया। नियमित रूप से रामायण, श्रीमद्भगवद् गीता पर प्रवचन किए। आजकल भी हिन्दू इन्सटीट्यूट, टोरोंटो में अहिन्दी भाषीय भारतीय मूल के विद्यार्थियों को श्री रामचरितमानस पढ़ाने में सेवारत्त हैं। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों में ’भगवद्गीता ज्ञान एवं गान’ एक वृहद् ग्रंथ है। उन्होंने इंग्लिश पद्य में ’रामाज़ ग्लोरी’ में रामचरित मानस और वाल्मिकी रामायण पर आधारित, एक पुस्तक लिखी, जो कि 1995 में "कुन्ति गोयल अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार" प्राप्त कर चुकी है। दिसम्बर 8, 2013 - हिन्दी साहित्य की विदित संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने 9 दिसम्बर 2013 को ब्रैम्पटन लाईब्रेरी के सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया। हिन्दी प्रेमियों से खचाखच भरा हाल अनूठा दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। भिन्न-भिन्न विषयों पर बतियाते हँसते खिलखिलाते सभी सदस्य, सम्मेलन में सम्मिलित हुए अनेकों नए चेहरों से एक-दूजे को परिचित करवाते हर्ष महसूस कर रहे थे। सर्दी के मौसम में गरमा-गरम चाय-नाश्ते ने माहौल को और भी ख़ुशगवार बना दिया। मुख्य रूप से आज का कवि सम्मेलन डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव जी को सरस्वती सम्मान प्रदान करने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की प्रवक्ता डॉ. शैलजा सक्सेना ने पिछले चालीस वर्षों से भी अधिक समय से हिन्दी की अथक सेवा करते आ रहे, डॉ. भारतेन्दु जी की कृतियों, जीवन की उपलब्धियों एवं समाज के प्रति उनकी सेवाओं पर प्रकाश डाला। हिन्दी राइटर्स गिल्ड के तीनों संस्थापक निर्देशक (श्री सुमन घई, डॉ. शैलजा सक्सेना एवं श्री विजय विक्रान्त) के सांझे कर कमलों द्वारा डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव जी को सम्मान पत्र प्रदान किया गया। डॉ. भारतेन्दु जी ने सरस्वती वन्दना का गायन किया और अपनी बहुत सुन्दर रचना भी पढ़ी। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सविता अग्रवाल ने कवि सम्मेलन का संचालन किया। बहुत से नए कवियों को भी सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ। आज के कार्यक्रम में हिन्दी जगत के सुप्रसिद्ध लेखक डॉ. महीप सिंह जी के सुपुत्र श्री जयदीप सिंह भी उपस्थित थे, जो कवि तो नहीं लेकिन सधे हुए प्रवक्ता एवं पत्रकार अवश्य हैं। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रति दो शब्द कह कर गिल्ड का मान बढ़ाया। आज के कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले टोरोंटो के कवि एवं कावित्रियाँ थीं :- डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव जी, मीनाक्षी रैना, भगवत शरण श्रीवास्तव, सुमन सरन सिन्हा, पंकज शर्मा, विद्या भूषण धर, उमा दत्त "अनजान", हरबीर सिहं ग्रेवाल, राज कश्यप, जयदीप सिहं, कैलाश महंत, सरन घई, किशोर कांत द्विवेदी, सरोजनी जौहर, निर्मल सिद्धू, सुरजीत कौर, रत्नाकर नराले, कृष्णा वर्मा, विजय विक्रान्त।