श्याम त्रिपाठी
मिसिसागा, अक्तूबर 27, 2012- आज दोपहर के बाद तीन बजे पोर्ट क्रेडिट सैकेंडरी स्कूल के सभागार में हिन्दी राइटर्स गिल्ड का चौथा वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया। हर वर्ष इस उत्सव के लिए एक मुख्य विषय चुना जाता है और पूरा कार्यक्रम उस पर आधारित होता है। इस वर्ष के कार्यक्रम में साहित्य की विभिन्न विधाओं को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया था। कार्यक्रम का आरम्भ मानोशी चटर्जी द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ। संचालिका लता पांडे ने दर्शकों, मुख्य अतिथियों और अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए हिन्दी राइटर्स गिल्ड की गत वर्ष की मुख्य गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बिधु शेखर झा, जो कि न केवल मैनीटोबा के एमपीपी हैं बल्कि एक सिद्धहस्त लेखक और कवि भी हैं, का मंच पर सम्मान किया गया। बिधु जी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए जीवन में भाषा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी में संकीर्ण विचारधारा को छोड़ कर विदेशी भाषा के शब्दों भी अपनाना चाहिए ताकि भाषा का विकास होता रहे परन्तु साथ ही बलपूर्वक कहा कि भाषा को प्रदूषित मत होनें दें। उदाहरण देते हुए "इंटरनेट" शब्द को स्वीकार और बात-बात में "बिकॉज़" को अस्वीकार करने को कहा। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण "रश्मिरथी" पर आधारित नाटक पर बोलते हुए उन्होंने स्व. रामधारी सिंह "दिनकर" के साथ कुछ व्यक्तिगत अनुभव बताए और रश्मिरथी के प्रति प्रेम को प्रमाणित करते हुए उन्होंने इस खंडकाव्य में से कुछ अंश सुनाए। कार्यक्रम में हिन्दी के लिए समर्पित कैनेडा से प्रकाशित होने वाली अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका हिन्दी चेतना के संस्थापक और मुख्य संपादक श्री श्याम त्रिपाठी जी को सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान हिन्दी की निःस्वार्थ सेवा करने वालों को प्रदान किया जाता है और त्रिपाठी जी इसके पाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं।