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कहानी लेखन कला

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कहानी लेखन कला की विशेष कार्यशाला

मासिक गोष्ठी जुलाई 2019
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने 13 जुलाई 2019 को ब्रैमप्टन की स्प्रिंगडेल शाखा लाइब्रेरी में दोपहर 1:30 से 4:30 बजे तक मासिक गोष्ठी में कहानी लेखन कला के विषय में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस मासिक गोष्ठी का विवरण इस प्रकार है।
सर्वप्रथम स्वादिष्ट नाश्ते के साथ कार्यक्रम का आरम्भ किया गया। डॉ.शैलजा सक्सेना ने सञ्चालन का भार सँभाला और सभी का स्वागत करते हुए सबको भारतवर्ष से आयी प्रसिद्ध कथाकार तथा आलोचक डॉ. रोहिणी अग्रवाल का परिचय दिया। शैलजाजी ने बताया कि डॉ. रोहिणी अग्रवाल दिल्ली के महर्षि दयानन्द कालेज की प्रोफेसर हैं तथा वे हिंदी की प्रसिद्ध कथाकार तथा आलोचक भी हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि शैलजाजी ने रोहिणी जी को हमारी संस्था की ओर से एक चाँदी का सिक्का और संस्था की मानद सदस्यता देकर सम्मानित किया तथा उन्हें कहानी लेखन कला के सम्बन्ध में वार्ता के लिए आमंत्रित किया।
इसके पश्चात् रोहिणी जी ने कहानी का परिचय देते हुए कहा कि कहानी एक ऐसी विधा है जो बचपन से ही सभी को प्रिय होती है। यह हमारी चेतना के रहस्यमय द्वारों को खोलती है। कहानी कैसे लिखें, यह बताना तो कठिन है पर कहानी की रचना प्रक्रिया के सम्बन्ध में श्रोताओं को समझाया। उन्होनें बताया कि एक कहानीकार अपने समय के भोगे हुए यथार्थ का चित्रण करता है। वह अपने मन की गहराइयों में जाकर अपने आपसे साक्षात्कार करता है, तभी वह समाज की अव्यवस्था के छोटेपन को देख पाता है। एक अच्छा लेखक वही है जो अपने अहम को विसर्जित कर, समाज की वर्जनाओं को नकारकर, निर्भीकतापूर्वक अपने मन की ग्रंथियों को खोलकर भीतर-बाहर की विसंगतियों का आकलन करता है।
एक अच्छी कथा में संवेदना के साथ-साथ दार्शनिकता तथा अंतर्दृष्टि होती है। यह अंतर्दृष्टि पाठक को संघर्ष से दूर मुक्तिमार्ग की ओर ले जाती है। उन्होंने हिंदी के संवेदनशील कथाकारों के नाम भी लिए, जैसे मन्नू भंडारी, उषा प्रियंवदा, कृष्णा सोबती आदि। रोहिणी जी के अनुसार एक अच्छी रचना वही है जो पाठक की बौद्धिक प्यास बुझा सके।
इस प्रकार डॉक्टर रोहिणी अग्रवाल ने अपने वक्तव्य से कथा कार्यशाला को प्रस्तुत कर श्रोताओं को अत्यंत प्रभावित किया। कुछ श्रोताओं के द्वारा कथा के शिल्प पक्ष के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे जाने पर रोहिणी जी ने उस विषय पर भी प्रकाश डाला।
इसके उपरान्त इस गोष्ठी के स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति के दूसरे सत्र का प्रारम्भ हुआ। इसमें हिन्दी राइटर्स गिल्ड के जिन सदस्यों ने कवितायें पढ़ीं उनके नाम इस प्रकार हैं:
निर्मल सिद्धू जी, बालकृष्ण जी, सतीश सेठी जी , डॉ. जगमोहन सांगा जी, सुमन घई जी , विजय विक्रांत जी , परमिंदर देऒल जी , नरेंद्र ग्रोवर जी , अखिल भंडारी जी , धर्मपाल जैन जी , संजीव अग्रवाल जी ,संदीप त्यागी जी, ,डाक्टर शैलजा सक्सेना, प्रमिला भार्गव, लता पांडे, आशा बर्मन ,कृष्णा वर्मा, परवीन कौर तथा सविता अग्रवाल। नयी सदस्याओं को भी कविता पाठ का अवसर मिला, जिनके नाम हैं, कनिका वर्मा, प्रीति अग्रवाल तथा पूर्णिमा मोगा।
यद्यपि हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों ने विविध विषयों पर कवितायें पढ़ीं पर प्रायः सभी कवियों ने इस बात का उल्लेख किया कि उन्हें डॉक्टर रोहिणी जी की वार्ता से कहानी की रचना प्रक्रिया के सम्बन्ध में बहुत कुछ सीखने को मिला।
हमारी संस्था के सदस्य सदैव कुछ नया सीखने का प्रयास करते हैं, जिससे उनकी रचनाएं बेहतर हो सकें। हिन्दी राइटर्स गिल्ड इस प्रकार की कार्यशालाएं समय समय पर आयोजित करती रही है। यह कहना अत्युक्ति नहीं होगी कि यह मासिक गोष्ठी अत्यंत सफल रही। कार्यक्रम के अंत में श्री बरार जी ने एक सुमधुर गीत गाकर सबका मन मोह लिया। इस प्रकार यह गोष्ठी कथाओं, कविताओं, गीत ,हाइकू का एक सुन्दर और रचनात्मक संगम था, जहाँ मनोरंजन के साथ साथ सबको कुछ सीखने को भी मिला।
प्रस्तुति -आशा बर्मन

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