होली महोत्सव2013
10मार्च 2013 ब्रैम्पटन - कनेडा की पारमित हिन्दी साहित्य की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने आज चिंग्कूज़ी लाइब्रेरी के सभागार में होली मिलन एवं आभार दिवस का आयोजन किया। हमें यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि आज के इस आयोजन में कनेडा के लेखक जसबीर कालरवि की गज़लों की पहली डी वी डी का लोकार्पन भी किया गया। कार्यक्रम दोपहर २.०० बजे आरम्भ हुआ। आतिथियों का स्वागत पूरे जोश ख़रोश, स्नेह और गुलाल से किया गया। ठंडाई एवं चाय के आन्नद के साथ-साथ हँसी-ठिठोली आपसी चुहल से उत्सव और भी आन्नदमय हो उठा। होली का विशेष पकवान गुजिया तो परोसी ही गईं साथ ही गरम समोसे, गुलाबजामुन तथा दही बड़ों का भी मेहमानों ने भरपूर आन्नद उठाया। आज के कार्यक्रम का संचालन डा० शैलजा सक्सेना ने किया। होली के पावन उत्सव पर हर्ष जताते हुए उन्होंने पुन: आतिथियों का स्वागत किया। विस्तार से रूपरेखा बताते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। सबसे पहले जसबीर कालरवि को उनकी पहली डी वी डी के लिए बधाई देते हुए उन्हें आमंत्रित किया कि वह अपनी कविताएं, उपन्यास एवं गज़ल लेखन के लिए अपने व्यस्त जीवन से कैसे इतना समय निकालते हैं उसे हम सभी के साथ सांझा करें। जसबीर जी से जानकारी पाने के पश्चात विजय विक्रांत जी ने उनकी गज़लों की प्रशंसा करते हुए कुछ रोचक सवाल भी किए। तत्पश्चात विकास जी ने गज़लों की डी वी डी का स्क्रीन पर प्रदर्शन कर उत्सवी माहौल को और भी ख़ुशगवार बना दिया। इंदिरा वर्मा जी ने अपने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना का गायन कर कवि गोष्ठी का शुभारम्भ किया। अल्पाहार के बाद संचालन का कार्यभार शैलजा सक्सेना की सह संचालिका पूनम कासलीवाल ने बड़े उमदा तरीके से सम्भाला। सबसे पहले मानुषी चटर्जी ने अपने मृदु स्वर में एक होली गीत प्रस्तुत किया। इंदिरा वर्मा जी के होली लोक गीत ने और भी समा बांध दिया। फिर तो कनेडा के कवियों विद्या भूषण धर, रश्मि वार्षणे, पूनम चंद्रा मनु, सविता अग्रवाल, सुमन सिन्हा, इन्दू रायज़ादा, कैलाश महंत, शैलजा सक्सेना, अटल पांडे, रत्नाकर नराले, भगवती शरण श्रिवास्तवा, मीना चोपड़ा ने हास्य-व्यंग की कविताएं चुटकले हास्य लघु कथाओं की ऐसी झड़ी लगाई कि जा कर ५.३० बजे ही थमी। अंत में एक बार फिर जल-पान का दौर चला। खाने का आन्नद उठाते हँसते-हँसाते सभी ने एक-दूसरे से विदा ली।