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वार्षिक महोत्सव
2018

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने दसवाँ वार्षिक उत्सव और हिन्दी दिवस का आयोजन किया

सितम्बर 9, 2018 को हिन्दी राइटर्स गिल्ड का दसवां वार्षिक महोत्सव टोरंटो के चिन्मय वेदांत हैरिटेज सेंटर, 8832 गोर रोड, ब्रैम्पटन में बड़े पैमाने पर मनाया गया। इस कार्यक्रम में साहित्य और संगीत का एक अनूठा संगम था जो श्रीमती रमणीक सिंह जी के सुर-रंग अकादमी ऑफ म्यूज़िक के साथ मिल कर किया गया। सर्वप्रथम डॉ. शैलजा सक्सेना ने श्री रामेश्वर काम्बोज ’हिमांशु’ जी तथा डॉ. रत्नाकर नराले जी का स्वागत करते हुए उन्हें सभा में दीप प्रज्वलन के लिए आमंत्रित किया। इसके पश्चात उन्होंने श्रीमती कृष्णा वर्मा को हिन्दी राइटर्स गिल्ड की वर्ष २०१८ की वार्षिक-रिपोर्ट पढ़ने के लिए मंच पर बुलाया। कृष्णा जी ने अत्यंत कुशलता से दर्शकों को संस्था की पूरे वर्ष की गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की मासिक कवि-गोष्ठियों के विषय में बताते हुए कहा कि केवल कविताएँ ही नहीं बल्कि नाटक, कहानी, लघुकथा, उपन्यास आदि साहित्य की सभी विधाओं की समय-समय पर चर्चा की जाती है। भारतीय भाषाओं के हिंदी में अनुवाद को भी महत्व दिया जाता है। साथ ही गिल्ड की भविष्य की योजनाओं का भी खुलासा किया। अंत में कृष्णा जी ने संदीप कुमार जी का परिचय देते हुए उनको सभा के सञ्चालन के लिए आमंत्रित किया ।
संदीप कुमार जी ने अत्यंत काव्यात्मक रूप से संचालन आरम्भ किया। भारत से आए वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर काम्बोज ’हिमांशु’ जी जिनकी २२ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, ३२ पुस्तकों का संपादन किया तथा तीन वेब पत्रिकाओं ’लघुकथा.कॉम’, ’त्रिवेणी’ और ’हिन्दी हाइकु नेट’ के संपादक/सह-संपादक भी हैं, को उनकी हिन्दी के प्रति निष्ठा और लगन एवं उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए "साहित्य सृजन सम्मान २०१८" से सम्मानित किया गया। अंत में ’हिमांशु’ जी ने छोटा सा व्यक्तव्य देते हुए हिन्दी राइटर्स गिल्ड को धन्यवाद तथा शुभकामनाएं दीं। तदुपरांत डॉ. रत्नाकर नराले जी को सरस्वती-सम्मान-२०१८ (हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये दिया जाने वाला सम्मान) से सम्मानित किया गया। डॉ. रत्नाकर नराले ने अपने भाषण में बताया कि इसी वर्ष उनको भारतीय सरकार द्वारा उनके साहित्यिक योगदान के लिए मॉरीशस में सम्पन्न हुए ११वें विश्व हिन्दी सम्मलेन में सम्मानित किया गया।
तत पश्चात् हिन्दी राइटर्स गिल्ड के कुछ सदस्यों ने हिंदी के वरिष्ठ कवियों की कविताएं पढीं। डॉ. जगमोहन साँगा जी ने श्री कुँवर नारायण, श्रीमती लता पाँडे ने प्रज्ञा पाँडे जी तथा श्रीमती कुलदीप अहलुवालिया जी ने अनामिका जी की कवितायें अपने विशिष्ट अंदाज़ में पढ़कर दर्शकों को प्रभावित किया। अब बच्चों की कविता-प्रतियोगिता के निर्णय की घोषणा की गयी तथा बच्चों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार के लिए श्री राज माहेश्वरी, श्री निर्मल सिद्धू, श्री साहिल दांग तथा श्री अनुराग शर्मा जी से अनुदान राशि प्राप्त हुई। आयु-वर्ग (५ वर्ष- ११ वर्ष) के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार आरोही काम्बोज और अच्युत कुमार तथा द्वितीय पुरस्कार वर्धा कौल को मिला ।
आयु-वर्ग (१२ वर्ष -१८ वर्ष) के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार अदिति सक्सेना और तान्या कुमार तथा द्वितीय पुरस्कार श्रेयांसी कानूनगो को दिया गया।
कविता-प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य सभी बच्चों को भी पुरस्कार दिया गया। अंत में श्री नैमेष नानावटी जी की संकल्पना व् निर्देशन में उन्हीं के द्वारा अभिनीत नाटक प्रस्तुत किया गया, एक अद्भुत नाटक- ’मैं अश्वत्थामा बोल रहा हूँ”, अश्वत्थामा के एकल अभिनय से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इसके तुरंत बाद दर्शकों ने अल्पाहार व चाय का आनंद लेते हुए कार्यक्रम की भूरी- भूरी प्रशंसा की। अल्पाहार के उपरान्त श्रीमती रमणीक सिंह जी के सुर-रंग अकादमी ऑफ म्यूज़िक का कार्यक्रम आरम्भ हुआ, जिसे दर्शकों ने अत्यंत सराहा ।
डॉ. शैलजा सक्सेना ने अत्यंत प्रभावपूर्ण ढंग से साहित्य तथा संगीत, कला के इन दोनों रूपों को जोड़ते हुए सभा के दूसरे सत्र का सञ्चालन किया। संगीत के इस कार्यक्रम की प्रमुख गायिका थीं श्रीमती रमणीक सिंह, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत पर आधारित कुछ फिल्मी गीत प्रस्तुत किये तथा उन गीतों में प्रयुक्त रागों की बंदिशें भी गायीं, यह एक अनुपम प्रयोग था जो दर्शकों ने अत्यधिक सराहा। तथा दूसरे गायक थे श्रीमती रमणीक सिंह के सुपुत्र मल्हार सिंह, जिनकी मधुर गायकी ने सब का मन जीत लिया | साथ ही थे दो सधे हुए कलाकार, श्री गुरिंदर सिंह जो तबले पर संगत कर रहे थे तथा हारमोनियम व् कीबोर्ड पर थीं कुमारी एशा पटेल। कार्यक्रम को सफल बनाने में नेपथ्य में कामों में जुटे थे श्री अनिल वर्मा, श्री अरुण बर्मन, श्री विजय विक्रांत, श्री दीपक राज़दान, श्री विकास सक्सेना, मानस सक्सेना, उमंग सक्सेना, जौर्डन, श्रीमती पूनम चंद्रा ’मनु’, श्री प्रकाश दाते। इस प्रकार हिन्दी राइटर्स गिल्ड का दसवां वार्षिक महोत्सव करीब २०० हिन्दी प्रेमियों की उपस्थिति में अत्यंत सफलतापूर्वक संम्पन्न हुआ।
रिपोर्ट: श्रीमती आशा बर्मन तथा कृष्णा वर्मा

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