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होली महोत्सव
2024

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“कान्हा के आँगन में होली के रंग “

शनिवार 16 मार्च को “हिन्दी राईटर्स गिल्ड “ कनाडा के बैनर तले इस्कान मंदिर ब्रैम्पटन में होली पर एक रंगारंग कार्यक्रम “ कान्हा के आँगन होली के रंग” प्रस्तुत किया गया। 100 से अधिक लोगों ने होली के इस पावन पर्व पर बच्चों व महिलाओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया । सात समंदर पार पश्चिमी देशों में भारतीय संस्कृति, रीति रिवाज व त्योहारों को किस तरह से संजोए रखे हैं प्रवासी भारतीय, ये बच्चों व बड़ों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों से साफ़ झलक रहा था । इस्कान मंदिर के सदस्यों की ईश्वर के प्रति आस्था उनकी निःस्वार्थ सेवा भावना में नज़र आ रही थी। हिन्दी राईटर्स गिल्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर की सदस्या भुवनेश्वरी पांडे व उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
प्रारंभ में सभी पधारे लोगों का स्वागत मुख्य द्वार पर गुलाल का तिलक लगा कर किया गया। इस कर्तव्य को कृष्णा वर्मा, आशा बर्मन व प्रीति अग्रवाल ने निभाया । कहते हैं “भूखे पेट न भजन होये गोपाला” । इसके बाद भुवनेश्वरी जी के प्रारम्भिक उद्बोधन के बाद जलपान की घोषणा हुई । समोसे व गुलाबजामुन के संग केसर व आम की ठंडाई का सभी ने जम कर आनंद उठाया । इस जलपान को सभी के हाथों तक परोसने में जिन्होंने भूमिका निभाई वे हैं, कृष्णा वर्मा, प्रीति अग्रवाल, पूनम ममगाईं,योगेश ममगाईं व इस्कान मंदिर के कुछ सदस्य । गुलाब जामुन की मिठास व समोसों के चटपटे स्वाद को हम तक लाने के लिये दीपक राज़दार जी व विद्या भूषण धर जी का बहुत बहुत आभार । इस पूरे आयोजन को अपने कैमरे में क़ैद करने का श्रेय दीपक राज़दान जी को जाता है ।जिसका आनंद वे सभी भी उठा पायेंगे जो किसी अपनी व्यस्तताओं के कारण कार्यक्रम में नहीं आ पाये। गिल्ड के हर कार्यक्रम की रूपरेखा को सुन्दर पोस्टरों के माध्यम से आप तक पहुँचाने में तकनीकी निदेशिका पूनम चंद्रा “मनु” का योगदान अतुलनीय है ।
जलपान के तुरंत बाद कार्यक्रम की डोर “ हिन्दी राईटर्स गिल्ड” की जानी पहचानी मंच संचालिका लता पांडे जी ने सम्भाली।
उन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी राईटर्स गिल्ड की आन बान शान एवं संस्थापक सदस्या शैलजा सक्सेना जी को मंच पर आमंत्रित किया। जिन्होंने गिल्ड द्वारा हिन्दी के प्रचार व प्रसार के लिये की जा रही सेवाओं से सभी को परिचित कराया । उन्होंने माता पिता व बच्चों से गिल्ड के कार्यक्रमों में आने का आह्वान किया । शैलजा जी द्वारा इस्कान मंदिर के सभी सदस्यों व अन्य सभी दर्शकों का हृदय से आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि होली के इस कार्यक्रम के लिये भगवान श्री कृष्ण के इस मंदिर से उपयुक्त स्थान हो ही नहीं सकता । तत्पश्चात् गिल्ड के इस होली उत्सव को और भी रंगीन बनाने के लिये लता जी ने बच्चों व अन्य कलाकारों को बारी बारी से मंच पर बुलाया। होली पर आधारित सभी की प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया । बच्चों से लेकर बड़ों तक ने अपनी प्रतिभा के रंगों से “कान्हा के आँगन“ को सराबोर कर दिया । सात्विक अंश द्वारा गणेश वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आग़ाज़ हुआ । उसके बाद कियारा तिवारी ने प्रह्लाद की कथा प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं । लता जी ने अगली प्रस्तुति के लिये मिष्ठी को आमंत्रित किया। अपने एकल नृत्य से मिष्ठी ने सब का मन मोह लिया । अपनी मधुर आवाज़ से भजन गा कर प्रिया सुंदरी जी ने माहौल को भक्ति मय बना दिया । तत्पश्चात् बच्चों द्वारा नुक्कड़ नाटक “इंद्रधनुष” के माध्यम से सैल फ़ोन से होने वाले दुष्प्रभावों का एक सुन्दर संदेश दिया गया । जिसे सभी ने सराहा। मनहा द्वारा किये गये एकल नृत्य की सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा की । इसके बाद गिल्ड की सदस्य इन्दिरा जी, आशा बर्मन जी व उनकी सखी मीना शाह जी द्वारा गाये गये होली गीत ने दर्शकों को तालियाँ बजवाने पर मजबूर कर दिया । अब लता जी ने नृत्य के लिये मंच पर आमंत्रित किया श्रद्धा व माण्डवी जी को । होली के इस उत्सव में राधा व कृष्ण का मनमोहक रूप धरी इन दोनों नृत्यांगनाओ ने जो समाँ बांधा उसकी तारीफ़ के लिये शब्द कम पड़ रहे हैं । मंच संचालिका ने अगली प्रस्तुति के लिये दिशा पटेल को बुलाया जो RCM certified teacher हैं और बच्चों को पियानो सिखातीं हैं ।उन्होंने भजन गा कर खूब तालियाँ बटोरी। भजन के बाद आकृति ने एक सुन्दर नृत्य से सब का मनोरंजन किया। होली पर कार्यक्रम हो और फाग लोकगीत न गाया जाये भला ये हो सकता है । भुवनेश्वरी जी व उनकी सखियों ने फाग गाकर वो समाँ बांधा कि महसूस होने लगा की हम सभी भी बृजभूमि पहुँच गए हो। संगीत कहीं का भी हो जोड़ता ही है तोड़ता नहीं । फिर वो भारतीय संगीत हो या पाश्चात्य। इन दोनों विधाओं का रंग देखने को मिला हमारे इस हिन्दी राईटर्स गिल्ड के इस होली कार्यक्रम में । फाग लोकगीत के बाद संगीत शिक्षिका दिशा पटेल द्वारा अपने विद्यार्थियों को बारी बारी से मंच पर बुला कर पियानो पर तैयार धुनों को प्रस्तुत किया गया । छोटे-छोटे बच्चों द्वारा बजाई गई धुनों का सभी ने आनंद उठाया और तालियों से उनकी हौसलाअफ़जाई की। उसके बाद कविता सहाय ने अपने गीत से दर्शकों का मनोरंजन किया । फिर आईं डॉ. हर्षाली चंडोक, जिन्होंने प्रभु श्रीराम पर एक कविता सुनाकर वातावरण को राममय कर दिया। मनहा व सुश्रुता के नृत्य ने एक बार पुनः सबको ताल पे ताल मिलाने पर बाध्य कर दिया।
कार्यक्रम की आख़िरी पंक्ति में गरबा के माध्यम से कृष्ण व गोपियों के संग होली की बहुत ही सुंदर व सुसज्जित प्रस्तुति ने सभी का हृदय जीत लिया । अंत में कार्यक्रम की संयोजिका कृष्णा वर्मा जी ने मंदिर कमेटी व अन्य सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया व भोजन रूपी प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया । स्वादिष्ट भोजन के बाद सभी ने कान्हा के आँगन से मधुर स्मृतियों के साथ अपने अपने घरों की ओर प्रस्थान किया ।

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