पूनम चन्द्रा 'मनु'
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जन्मी पूनम चन्द्रा 'मनु' ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के डी ए वी कॉलेज से एम ए (अंग्रेजी) की शिक्षा प्राप्त की।
'मनु' NCC (national cadet corps) की कैडेट रही हैं जिसके अंतर्गत वो 1992 में रिपब्लिक कैंप में शामिल हुई और NCC की ओर राजपथ के पर मार्च का हिस्सा बनी ।
स्कूल के ज़माने से कविताएं लिखने की शुरुआत हुई और 'जज़्बात' नाम से उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई।
फेसबुक पेज 'jazbaat.manu' और अपनी वेबसाइट 'jazbaat.net' पर हमेशा वह अपने मित्रों से जुड़ी रहती हैं।
वह वेबसाइट और ग्राफ़िक डिजाइनिंग के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं और अपने परिवार के साथ साल 2006 से कनाडा में रह रही हैं।
'मनु' 'हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा ' के निदेशक मंडल की सदस्या हैं और इस संस्था के प्रमोशन और तकनीकी का काम देखती हैं।
'वादों की परछाइयां' उनका पहला उपन्यास है। जिसे उन्होंने अमृता प्रीतम के उपन्यास 'नागमणि' से प्रभावित होकर लिखा। अपनी इस रचना में उन्होंने परिस्थिति, दृश्य, चरित्रों के संवाद और अभिव्यक्ति पर विशेष ध्यान दिया है।
उन्हें उम्मीद है कि यह उपन्यास पाठकों के दिल में जगह बनाएगा।
नेट की पत्र - पत्रिकाओं में :
हिंदी चेतना, ई-पुस्तक सपनो का आकाश में कविताओं का प्रकाशन।
सम्मान:
हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा स्वैच्छिक सेवा पुरस्कार
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