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साहित्य सृजन सम्मान–2025

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साहित्य सृजन सम्मान–2025

ब्रैम्पटन स्थित त्रिवेणी मंदिर में 13 सितम्बर 2025 को हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा आयोजित “साहित्य सृजन सम्मान–2025” का आयोजन गरिमामयी वातावरण में सम्पन्न हुआ। प्रारंभ में जलपान के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गिल्ड की संस्थापक निदेशिका डॉ. शैलजा सक्सेना ने मुख्य अतिथि भारतीय वाणिज्य दूतावास से पधारे Head Of Chancery श्री संजीव सकलानी जी , सम्मानित होने वाले दोनों साहित्यकारों तथा दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी साहित्यप्रेमी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया।
डॉ. सक्सेना ने सुप्रसिद्ध कवि, निबंधकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अग्निशेखर तथा मार्मिक लेखनी से चर्चित कृति “दर्दपुर” की लेखिका डॉ. क्षमा कौल का परिचय कराते हुए कहा कि इन दोनों साहित्यकारों ने न केवल हिन्दी को समृद्ध किया है, बल्कि कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और पीड़ा को विश्व पटल पर पहुंचाने का कार्य भी किया है।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि सकलानी जी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की ओर से दोनों साहित्यकारों को स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर गिल्ड के सभी निदेशक मंच पर उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में दोनों रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी लेखनी ने कश्मीरी पंडित समुदाय के दर्द और विस्थापन की त्रासदी को वैश्विक स्तर पर आवाज़ दी है।
इसके बाद डॉ. क्षमा कौल को मंच पर आमंत्रित किया गया। उन्होंने गहन संवेदनाओं के साथ अपने विचार साझा किये और कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की वेदना को हृदयस्पर्शी ढंग से अभिव्यक्त किया। अपने वक्तव्य के दौरान वे भावुक हो उठीं और श्रोताओं की आँखें भी नम हो गईं। उनके पश्चात डॉ. अग्निशेखर ने बड़े संयत भाव से अपनी आपबीती और समुदाय के संघर्षों को साझा किया। उनकी शांत किन्तु प्रभावशाली अभिव्यक्ति ने सभागार को गहराई से छू लिया।
अगले सत्र का संचालन गिल्ड निदेशक विद्या भूषण धर ने किया। उन्होंने सबसे पहले महेंद्र भंडारी जी व मुरारीलाल थपलियाल जी को मंच पर आमंत्रित किया जिन्होंने दोनों सम्मानित अतिथियों को अपनी ओर से स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया । भंडारी जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए दोनों साहित्यकारों का पधारने पर आभार व्यक्त किया।इस सत्र में गिल्ड के सदस्यों—डॉ. बंदिता सिन्हा, प्रीति अग्रवाल, कृष्णा वर्मा, लता पांडे और योगेश ममगाईं—ने दोनों रचनाकारों की रचनाओं का पाठ किया। इसके साथ ही कई अतिथियों ने भी अपने वक्तव्यों में दम्पती के योगदान और उनके संघर्षपूर्ण साहित्यिक प्रयासों की सराहना की।
अंत में गिल्ड के वरिष्ठ संस्थापक निदेशक विक्रांत जी ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन

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