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“हम नहीं हारेंगे”
(कोविड: प्रभाव और प्रयास)

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“हम नहीं हारेंगे”
(कोविड: प्रभाव और प्रयास)

हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा का फेसबुक लाइव कार्यक्रम
शनिवार दिनांक 26, जून 2021 को हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा ने एक और अत्यंत प्रभावशाली फ़ेसबुक लाइव कार्यक्रम प्रस्तुत किया। यह आत्मीय बातचीत की 13 वीं कड़ी थी, जिसका विषय था “हम नहीं हारेंगे” (कोविड: प्रभाव और प्रयास)।
इस कार्यक्रम के आरंभ में डॉक्टर शैलजा सक्सेना ने सभी वक्ताओं तथा श्रोताओं का स्वागत किया। सभी वक्ताओं का परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि एक व्यवधान के बाद ही राइटर्स गिल्ड फ़ेसबुक लाइन पुनः आरंभ कर रही है। पिछले कई महीनों में इतनी त्रासदी हमने झेली है कि किसी साहित्यिक कार्यक्रम करने की उर्जा ही नहीं रही थी।
उन्होंने रहीमदास जी का एक दोहा कहा,
‘रहिमन’ चुप ह्वै बैठिए, देखि दिनन को फेर।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर॥
उसी ‘नीके दिन’ की आशा में, कष्टों को भूलते हुए हमें आवश्यकता है कि हम नई उर्जा से फिर से जीवनयापन आरंभ करें और इसलिए यह कार्यक्रम हम आरंभ कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के संचालन का भार है संदीप कुमार पर जो न केवल एक साहित्यकार हैं, एक बहुत अच्छे अभिनेता भी हैं और एक समाजसेवी भी।
पिछले कुछ महीनों में कैनेडा के तीन साहित्यकारों को हमने खोया है, जिनके नाम हैं, वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिशंकर आदेश जी, श्रीमती सरोज भटनागर तथा ग़ज़ल रचनाकार श्री अखिल भंडारी। इन्हीं रचनाकारों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम का आरंभ एक भजन से हुआ, जिसे गाया श्रीमती रेखा धवन ने जो भारतवर्ष की एक प्रसिद्ध गायिका हैं। भजन की पहली पंक्ति थी, ‘मैं तो कब से तेरी शरण में हूँ।’
रेखा जी के सुरीले और मर्मस्पर्शी भजन के पश्चात् संदीप जी ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता का उदाहरण दिया जिसका संदेश था कि बाधाएँ आती तो हैं पर हमें आगे बढ़ना होगा।
आज के इस कार्यक्रम में हमारी पहली वक्ता थीं भारतवर्ष से डॉ. नीतिप्रिया पांडे, वे आगरा में बाल रोग विशेषज्ञ हैं। संदीप जी ने उनसे भारत में करोना के संबंध में प्रश्न किया तो उन्होंने यह बताया कि आरंभ में हमें इसके संबंध में न तो इतनी जानकारी थी और न इतनी सुविधाएँ। परन्तु पूरी लगन से वहाँ के डाक्टर तथा नर्सों ने सेवा का कार्य किया। यह भी बताया कि भारत के गाँवों से आए हुए लोगों में करोना के प्रति जागरूकता का अभाव है।
इसके पश्चात् संदीप जी ने अगली वक्ता को आमंत्रित किया डॉक्टर रेशमा हिंगोरानी जी को, जो अमेरिका में एक मनोचिकित्सक और होलिस्टिक वेलनेस विशेषज्ञ हैं। वे उर्दू भाषा की रचनाकार भी है, संगीत में भी उनकी रुचि है। रेशमा जी ने बड़े रोचक ढंग से करोना काल के अपने अनुभव बताए कि इस महामारी के कारण लोगों में बड़ा डर समा गया था। शरीर के साथ मन का स्वस्थ रहना भी बहुत आवश्यक है। उनके समझाने का तरीक़ा बहुत ही सुंदर था और व्यवहारिक भी।
इसके पश्चात् हमारे अगले वक्ता थे, श्री सुभाष चन्दर जी जो एकल कैनेडा के सचिव हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनकी संस्था भारतवर्ष में ग्रामीण अंचलों में करोना महामारी को नियंत्रित करने में विभिन्न प्रकार से सहायता पहुँचा रही है, जैसे ज़रूरतमंद लोगों को भोजन, दवा और वैक्सीनेशन देना। वहाँ इनके स्वयंसेवक काम कर रहे हैं। इसी प्रकार का कार्य एक और संस्था कर रही है, जिसका नाम है दाना फाउंडेशन, जिसके संस्थापक श्री कुलदीप सक्सेना अगले वक्ता के रूप में आये तथा अपनी संस्था के कार्यकलापों का परिचय दिया और बताया कि उनकी संस्था भोपाल में ग्रामीण अँचलों से आये रोगी के सम्बन्धियों के खाने पीने की व्यवस्था करती है। कुछ स्वयंसेवक यह कार्य कर रहे हैं और दाना फाउंडेशन उनको आर्थिक सहायता पहुँचाती है।
इसके उपरान्त हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के निदेशक तथा साहित्य कुंज के संपादक श्री सुमन घई जी मंच पर आये और उन्होंने करोना से संबंधित अपने विचार साँझा किये। पिछले कई महीनों से उन्होंने प्रत्येक संपादकीय में करोना से संबंधित कुछ न कुछ लिखा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे समाज में इस महामारी का स्वरूप बदला, उसी प्रकार लेखकों की रचनाओं में भी साहित्य का स्वर बदला। लेखक का कर्तव्य है कि समाज को अपने भावों को संतुलित रखने का संदेश दे। इसके पश्चात रेखा धवन जी ने एक और भजन मधुर स्वर में गाया।
शैलजा जी द्वारा किया गया आरंभिक परिचय प्रभावशाली था और संदीप जी का सञ्चालन भी। अंत में, शैलजा जी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा की नयी बेवसाइट का परिचय देकर दर्शकों से इससे जुड़ने के लिए कहा। शैलजा जी ने कहा कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें साहित्य, समाज तथा स्वास्थ्य का सुन्दर संगम था। इस प्रकार शैलजा जी ने एक समसामयिक समस्या तथा समाधान से सम्बंधित सभा का समुचित समापन किया। यदि आप अधिक विस्तार से इस कार्यक्रम को देखना चाहें तो इस लिंक पर जाकर अवश्य देखियेगा, धन्यवाद।
प्रस्तुति - श्रीमती आशा बर्मन
इस कार्यक्रम का वीडियो देखने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: Click here

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