जनाबाई
1 नवम्बर, 2014 – मिसिसागा (ओंटेरियो, कैनेडा) – आज कैनेडा की प्रमुख हिन्दी साहित्यिक संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड का छठा वार्षिकोत्सव बुहत धूमधाम से मिसिसागा के माजा प्रेंटिस थियेटर में मनाया गया। कार्यक्रम दोपहर के साढ़े तीन बजे आरम्भ करते हुए संचालिका पूनम जैन कासलीवाल ने दर्शकों, मुख्य अतिथि मान्यवर अखिलेश मिश्रा (टोरोंटो स्थित भारत के काउंसल जनरल) का स्वागत किया। पूनम कासलीवाल ने सबसे पहले सरस्वती वंदना के लिए मानोशी चैटर्जी को आमन्त्रित किया, जिन्होंने अपने सुमधुर कंठ से माँ सरस्वती की वंदना का गायन किया। कार्यक्रम को प्रारम्भ करते हुए पूनम जैन कासलीवाल ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की पिछले वर्ष की संक्षिप्त रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने घोषणा की कि जिस तरह हिरागि हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दी कर्मियों को सरस्वती पुरस्कार प्रदान करता है उसी तरह एक नया सम्मान आरम्भ किया जा रहा है जो साहित्य-सृजन के लिए होगा। इस वर्ष का साहित्य सृजन पुरस्कार दो साहित्यकारों – महाकवि प्रो. हरिशंकर आदेश जी और डॉ. शिवनन्दन सिंह यादव जी को प्रदान किया गया। इन दोनों साहित्यकारों ने न केवल अप्रतिम साहित्य का सृजन किया है बल्कि कैनेडा में साहित्य लेखन के लिए लेखकों को बहुत प्रोत्साहित किया है। मान्यवर अखिलेश मिश्रा जी ने डॉ. शिवनन्दन सिंह यादव और श्रीमती भुवनेश्वरी पाण्डे को स्मृति चिह्न और अंगवस्त्र भेंट करके सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. हरिशंकर आदेश जी उपस्थित नहीं हो पाए क्योंकि वह इन दिनों फ़्लोरिडा में अपने बच्चों के पास स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। डॉ. शिवनन्दन सिंह यादव ने अपने वक्तव्य में साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए बल दिया कि हिन्दी की विभिन्न संस्थाओं को मिलजुल कर काम करना चाहिए। इस वर्ष सरस्वती पुरस्कार से सम्मानित होने वाली थीं – भुवनेश्वरी पाण्डे। भुवनेश्वरी जी बरसों से कैनेडा में हिन्दी पढ़ा रही हैं। पढ़ाने के प्रति समर्पित भुवनेश्वरी जी हिन्दी के प्रचार और समाज सेवा के लिए कटिबद्ध रहती हैं। उन्होंने हिरागि को धन्यवाद देते हुए हिन्दी के भविष्य के प्रति आशा व्यक्त की। भारत के काउंसल जनरल मान्यवर अखिलेश मिश्रा जी ने सदा की तरह विशुद्ध हिन्दी में दर्शकों को संबोधित किया। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की प्रशंसा करते हुए छठे वार्षिकोत्सव के लिए चयनित विषय "भक्ति कालीन साहित्य" की प्रस्तुति के लिए बधाई दी। मिश्रा जी ने भी कहा कि हिन्दी की संस्थाओं को मिलजुल कर अपने सामर्थ्य अनुसार काम करना चाहिए। तत्पश्चात मिश्रा जी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की निदेशिका श्रीमती कृष्णा वर्मा के हाइकु संकलन ‘अम्बर बाँचे पाती’ का विमोचन किया। संचालिका पूनम कासलीवाल ने गर्व के साथ घोषित किया कि यह पुस्तक कैनेडा के लिए अनूठी है क्योंकि यह कैनेडा से प्रकाशित होने वाला पहला हाइकु संकलन है। इन औपचारिकताओं के पश्चात् कार्यक्रम का मनोरंजक भाग शुरू हुआ। हिन्दी राइटर्स गिल्ड हिन्दी साहित्य के प्रचार के लिए प्रत्येक वार्षिकोत्सव के लिए साहित्य का एक नया आयाम प्रस्तुत करती है। इसी शृंखला को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष का कार्यक्रम था ‘भक्ति नाट्य संध्या’। इस नाटक में संत जना बाई और संत सूरदास के जीवन को नाटक में मंचित किया गया – निस्संदेह नाटक इन दोनों संतो द्वारा रचित भक्ति साहित्य के भजनों से भरपूर था। संत जना बाई के भजनों को गाया श्रीमती मानोशी चटर्जी और श्रीमती दीपा भट्टाचार्य ने। ये नाटक एक नए ढंग से प्रस्तुत किए गए। संत जनाबाई का अंश पूर्णतया मूक अभिनय था और कहानी को आगे बढ़ा रहीं थीं, नाटकों की लेखिका, निर्देशिका और सूत्रधार डॉ. शैलजा सक्सेना। अन्य कलाकारों के अतिरिक्त वयस्क जनाबाई की भूमिका लता पाण्डे ने निभाई। संत सूरदास के अंश में सूरदास का अभिनय किया विद्याभूषण धर ने और नाटक की नायिका थीं कन्तो के पात्र में अनुभा। नाटक दर्शकों ने बहुत पसन्द किये। इस सत्र के बाद अल्पाहार के लिए एक लघु अन्तराल हुआ। दूसरे सत्र का संचालन किया श्री संजीव अग्रवाल ने और यह सत्र काव्य पाठ का था। इसमें हिन्दी राइटर्स गिल्ड के कुछ लेखकों और अन्य आमन्त्रित कवियों कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम लगभग शाम के सात बजे के करीब समाप्त हुआ और यह पूर्णतया सफल रहा। हिन्दी राइटर्स गिल्ड इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी सहयोगियों, प्रायोजकों और स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करती है।