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टोरोंटो के भारतीय दूतावास द्वारा सम्मान समारोह

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टोरोंटो के भारतीय दूतावास द्वारा हिन्दी प्रचार-प्रसार कार्यों के लिए सम्मान समारोह

11 मार्च, 2022. टोरोंटो – टोरोंटो स्थित भारतीय दूतावास ने दोपहर के 11 बजे अपने सभागार में टोरोंटो क्षेत्र के हिन्दी के प्रचार-प्रसार में संलग्न हिंदी प्रेमियों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया।
टोरोंटो में हिन्दी सेवा में कार्यरत सभी संस्थाओं के सदस्य इस कार्यक्रम में भाग लेने बहुत उमंग से पहुँचे। हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के १२ लेखकों को इस समारोह में सम्मानित किया गया। कोरोना महामारी के कारण, लगभग दो वर्षों के अन्तराल के बाद हिन्दी कर्मियों का एक दूसरे से साक्षात्‌ मिलन एक उत्सव की तरह था। इस समारोह में दूतावास ने श्रोताओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए केवल हिन्दीकर्मियों और उनके साथ एक मित्र को ही आमन्त्रित किया था।
कार्यक्रम ठीक समय पर आरम्भ हुआ। सर्वप्रथम कार्यक्रम के आयोजक धीरज पारीख ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने रेडियो धूम की प्रायोजिका, सौम्या मिश्रा को कार्यक्रम संचालन के लिए मंच पर आमन्त्रित किया।
सौम्या ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार की सेवाएँ दे रहे हिंदी लेखकों को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा बताई और सरस्वती वन्दना के लिए पाँच वर्षीया कियारा को आम‍न्त्रित किया। कियारा की सरस्वती वन्दना के बाद कार्यक्रम आरम्भ हुआ।
अगले चरण में टोरोंटो में स्थित भारतीय काउंसल जरनल श्रीमती अपूर्वा श्रीवास्तव ने अपना वक्तव्य देते हुए सभी का स्वागत किया। उन्होंने हिन्दी लेखकों को धन्यवाद दिया जिनके निरंतर प्रयास से कैनेडा में हिंदी का महत्व बढ़ा है। हिंदी के प्रचार-प्रसार के काम को इसी प्रकार निरंतर करते रहने के लिए उन्होंने सभी को शुभकामनाएँ दी साथ ही सभी उपस्थित लेखकों को अंग- वस्त्र और प्रशस्ति पत्र भेंट करके सम्मनित किया।
इसके बाद दो अन्य बच्चों को हिन्दी कविता पाठ के लिए बुलाया गया। श्रेयांसी कानूनगो (१४ वर्ष) ने अपनी माँ अनुराधा कानूनगो की लिखी कविता सुनाई और सम्यक सिंह (१३ वर्ष) ने अपने पिता संदीप कुमार द्वारा रचित कविता का पाठ किया। दोनों बच्चों की प्रस्तुतियों, विशेषकर शुद्ध उच्चारण की सभी दर्शकों ने बहुत सराहना की।
बच्चों के काव्य पाठ के बाद संचालिका सौम्या मिश्रा ने कौंसलाधीश श्रीमती अपूर्वा श्रीवास्तव को साहित्य कुञ्ज के विशेषांक “कैनेडा का हिन्दी साहित्य” का लोकार्पण करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया साथ ही साहित्य कुञ्ज के प्रकाशक और संपादक सुमन कुमार घई को भी मंच पर बुलाया। सुमन कुमार घई ने दर्शकों को साहित्य कुञ्ज से परिचित करवाते हुए बताया कि इंटरनेट की साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन कैनेडा के लेखकों की रचनाओं के प्रकाशन के उद्देश्य से २००३ में आरम्भ किया था। अब यह साहित्यिक पत्रिका भारत के विश्वविद्यालयों की इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकालयों का भाग बन चुकी है। इसे हिन्दी साहित्य अकादमी में भी पढ़ा जाता है और इस समय यह विश्व की सबसे बड़ी इंटरनेट की साहित्यिक पत्रिका है। सुमन घई ने डॉ. शैलजा सक्सेना का हार्दिक धन्यवाद किया जिनके परामर्श से विशेषांकों का प्रकाशन आरम्भ हुआ। डॉ. शैलजा सक्सेना साहित्य कुञ्ज के विशेषांक के सम्पादन का कार्यभार सँभाल रही हैं। “कैनेडा का हिन्दी साहित्य” विशेषांक की सह सम्पादिका श्रीमती आशा बर्मन का भी सुमन घई ने हार्दिक धन्यवाद देते हुए डॉ. शैलजा सक्सेना और श्रीमती आशा बर्मन को भी मंच पर आमन्त्रित किया। लोकार्पण के पश्चात एक पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति द्वारा विशेषांक की मुख्य बिन्दुओं को दर्शाया गया। विशेषांक के सभी ३९ लेखकों के छायाचित्रों के स्लाईड शो के पश्चात अपूर्वा जी ने विशेषांक के बारे में प्रोत्साहन भरा वक्तव्य दिया।
अगले चरण कवि सम्मेलन में सम्मानित २५ कवियों ने कविताएँ सुनाईं जिनका कौंसलावास के अधिकारियों ने आनंद लिया और सराहना की।
कार्यक्रम का अंत प्रीति भोज से हुआ। यह कार्यक्रम कौंसलावास की उदारता और अपूर्वा श्रीवास्तव जी के हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रेम को उजागर कर रहा था। हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा ने उनका धन्यवाद किया।

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